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Showing posts from April, 2010

अब बच्चे बड़े हो गये हैं..

कभी कभी कोई छोटे मुंह बडी बात करे तो बहुत गुस्सा आता है। लेकिन कुछ रिश्ते ऐसे होते हैं कि यही बाते गुस्से की जगह प्यार पाने की अधिकारिनी हो जाती हैं। मेरा बडा बेटा लखनऊ में बी-टेक की अंतिम सीढियों पर खडा है। यूँ रोजाना उससे बात होती थीं हमेशा मस्ती के अन्दाज़ में बात करता था। क्यों कि मेरा रिश्ता पिता पुत्र का कम एक दोस्त का अधिक है। बी-टेक करने के बाद उसे क्या करना चाहिये ये हमसे अधिक अब वो जानता है। कल जब मैने उससे लखनऊ छोड़ कर नोएडा या दिल्ली से आगे की पढाई एम-टेक के बारे में सुझाव दिया तो उसने बड़े ही तर्क पूर्ण ढँग से ऐसा समझाया कि मैं निरुत्तर हो गया। वो बोला कि पापा जी मैं क्यों इतने महँगे शहर में जाऊं ? मुझे सिर्फ एक साल काटनी है गॆट की तयारी के लिये। मै यही जोब ढूढ कर आय भी करता रहूंगा और अपनी एम-टेक के प्रवेश की तयारी भी करता रहूँगा। मँहगे शहर में आय से अधिक व्यय हो जायेगा। जिस समय वो मुझे समझा रहा था उस समय ऐसा लग रहा था जैसे कि मैं उसका बेटा हूँ। मेरा बेटा कब इतना बडा हो गया , कब इतना समझदार हो गया, कवि सम्मेलनों की भाग दोड़ और क्लीनिक की व्यस्तता में कुछ पता ही नहीं चल

khaas sammaan

यूँ तो सम्मान बहुत मिलते रहते है सम्मान तो सम्मान है छोटा हो या बडा लेकिन कुछ सम्मान ऐसे होते है जो ऊर्जा का संचार करते रहते हैं । वैसे ही गत दिनो मुझे एक सम्मान मिला साहित्य कलाधर का निराला और सुमन जी की पावन धरा पर, रमई काका और प्रताप मरायण मिश्र की जमीन पर। एक सुन्दर सा सम्मान पत्र, शाल श्री फल, एक 15000 की धन राशि। जिस जगह का छोटा सा छोटा कवि छन्द में बात करता हो उस धरती ने मुझ जैसे अदना ,सामान्य, और सादा भाषा मे लिखने वाले प्रेम के प्रेम के गीतकार को इस सम्मान के लायक समझा। इसी समारोह में सम्मानित होने वाली एक मुर्धन्य कवियत्री को जब मैने उन्हे सम्मान से पूर्व बधाई दी तो उन्होंने मुँह बिचकाकर कहा कि उस सम्मान का कोइ महत्व थोडे ही है वो तो मँच पर जितने होते है सभी को देते हैं, बाद में वो किन्ही कारणों से वहां पहुँची भी नहीं। लेकिन मँच पर ऐसा कुछ भी नहीं था। कुछ खास लोगों को ही सम्मान से नवाज़ा गया था। लेकिन मेरे लिये ये सम्मान बहुत महत्व पूर्ण था.......

sahity gaurav samman

सिकन्दरा राऊ-- जनपद हाथरस ही नहीं वरन पूरे देश बडे ही सम्मान से सुने जाने वाले अंतर्राष्ट्रीय गीतकार डा. विष्णु सक्सैना को साहित्य गौरव अलंकरण से निराला और शिव मंगल सिंह सुमन की धरती उन्नाव में आगामी दिनांक 9 अप्रेल को वहाँ की 17 वर्ष पुरानी साहित्य भारती संस्था द्वारा सम्मानित किया जायेगा। इसी कार्यक्रम में सत्यनरायण सत्तन को साहित्य भारती सम्मान दिया जायेगा। इस अवसर पर एक कवि सम्मेलन का भी आयोजन किया गया है जिसमें कीर्ति काले, लाजपत राय विकट, प्रमोद तिवारी, कमलेश दिवेदी आदि कवियों को आमंत्रित किया गया है। डा. विष्णु सक्सैना को साहित्य गौरव उपाधि मिलने से जनपद के सभी कवि एवम साहित्यकार प्रसन्न एवम गौरवान्वित हैं तथा उन्हे इस उपलब्धि पर बधाई देते हैं।