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न इसमें दाग लगा..

दिल में मत आग लगा-दिल में मत आग लगा मेरा दामन सफेद है , न इसमें दाग लगा । बस्ती बस्ती मैं घूमा हूँ , अपनी मस्ती में झूमा हूँ जाने कितने तूफां आये पर इस लौ को बुझा न पाये सो रहे हैं मेरे अरमाँ न इनमें राग जगा- दिल में मत आग लगा-दिल में मत आग लगा … फूल से कोमल तन देखे हैं , भोले भाले मन देखे हैं जो भी कपट में चूर रहे हैं उनसे बहुत हम दूर रहे हैं चंदनी पेड़ पे तू इस तरह मत नाग लगा- दिल में मत आग लगा-दिल में मत आग लगा … जाने कितनी  कलियाँ देखीं इश्क की यारो गलियाँ देखीं जिसको हमने प्यार किया है उस पर सब कुछ वार दिया है मेरी आँखों में न सपनों का कोई बाग लगा- दिल में मत आग लगा-दिल में मत आग लगा …