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संदीप सपन जी से भेंट

करीब 16 वर्ष बाद मैं इस बार 15 अप्रैल को जबलपुर कमानिया गेट के एक कवि सम्मेलन में गया। वहां के वरिष्ठ कवि श्री संदीप सपन जी ( पिता श्री सुदीप भोला ) से मिलने का संकल्प लेकर घर से निकला था क्यों कि विगत कई वर्षों से वह बहुत बीमार चल रहे थे, मस्तिष्क में रक्त प्रवाह रुकने के कारण उनकी जिव्हा पर भी  पक्षाघात हो गया था। समय, उचित उपचार तथा उनके परिवार की उचित देखभाल ने उनको फिर से पूर्ण स्वस्थ कर दिया। पहली बार अर्जुन शिशोदिया और मुन्ना बैटरी के साथ जब उनके नए घर पर मिलने गया तो देखकर एक दम खिल गए, मैं उनसे छोटा हूँ इसके बावजूद वो मुझे पहले भी बहुत स्नेह करते थे और आज भी। पहले भी चरणस्पर्श के लिए गए हुए मेरे हाथों को बीच में रोक लेते थे वैसे ही आज भी रोक लिया, पता नहीं ऐसा करके मुझे सम्मान दे रहे थे या गीत विधा को। बहुत देर गुफ्तगू हुई,खूब हंसी ठट्ठा हुआ, पुरानी स्मृतियों को ताजा किया। बात करने का जबलपुरिया लहजा आज भी जस का तस है। वह भाग्यशाली हैं कि उनका सुदीप भोला जैसा पुत्र है ईश्वर उन्हें इसी प्रकार पूर्ण स्वस्थ और दीर्घायु बनाये।  #जबलपुर #Jabalpur #sandeep_sapan #vishnu #vishnusaxena

🌷गद्य पर पद्य का प्रभाव🌿🌷

🌱🌷गद्य पर पद्य का प्रभाव🌿🌷 अभी हाल ही में पटना में बिहार हिंदी सम्मेलन का आयोजन में जाना हुआ। पूर्व राज्यसभा सांसद श्री आर.के.सिन्हा जी की इस आयोजन में महती भूमिका थी। यह आयोजन तीन दिवसीय था, 2 अप्रैल की शाम को कविसम्मेलन होना था। सुबह के सत्र के लिए जाने माने लेखक श्री वेद प्रताप वैदिक को भी बोलने के लिए आमंत्रित किया गया था। दोपहर को लंच पर मेरी उनसे भेंट हुई। वैदिक जी से मेरी एक भेंट कवि सम्मेलन समिति के अधिवेशन में हरिद्वार में हो चुकी थी लेकिन इस भेंट को वैदिक जी याद नहीं कर पा रहे थे। जब सिन्हा जी ने मेरे बारे में विस्तृत रूप से बताया तो वो थोड़ा सा गंभीर हुए। हम दोनों अन्नपूर्णा गेस्ट हाउस साथ ही एक ही गाड़ी में आये, दोनों के पास पास कमरे थे।  उनके मुताबिक उन्होंने कविसम्मेलन कभी सुना नहीं था (हालांकि ये बात मुझे पची नहीं, इतने पुराने व्यक्ति जिनके अनेक बड़े बड़े कवि मित्र रहे हों और उन्होंने कविसम्मेलन न सुने हों) इसलिए शाम को होने वाले कविसम्मेलन में उन्हें भी आमंत्रित किया गया। ये कवि सम्मेलन गीत प्रधान था इसलिए जैसे जैसे कवि सम्मेलन जवान होता गया, वैदिक जी पर कविताओं का नशा