गीतांश Get link Facebook Twitter Pinterest Email Other Apps May 29, 2023 जब भी सोचा कि शाख को छू लूं गिरके सूखे हुए फूलो ने बहुत रोका था, हाथ कांटो ने कर दिए घायल- मुझको, एक और संभलने का दिया मौका था। Read more