Posts

Showing posts from April, 2018

अद्भुत तनजानिया ( संस्मरण ) भाग-4

Image
15 जनवरी 2018 आज हमारा विदाई का दिन था। कुछ सामान रात को ही पैक कर लिया था शेष सुबह उठकर जल्दी जल्दी समान जमाया। कल की ट्रिप से कोई संतुष्ट नहीं लग रहा था। न ही जितेंद्र, न ही शिवि और न ही स्वयं पाठक जी। आज सोमवार था, काम का दिन, आज बॉस आने वाले है इसलिए जितेंद्र ने कल ही हमसे विदा ले ली थी।  बहुत भावुक थे जब वो हमसे जुदा हुए । इन तीन दिनों में जितेंद्र ने हम लोगो का साथ एक पल को भी नहीं छोड़ा। खूब सहयोगी भूमिका में रहे, संस्था के लिए भी और हमारे लिए भी। आज साढे नो बजे हम लोग नाश्ता करके अपना सामान लेकर नीचे आगये। यूँ हमारी फ्लाइट शाम को 5 बजे थी लेकिन पाठक जी शायद कल की कमी पूरी करना चाहते थे। दोनों गाड़ियों में जैसे ही समान रखना शुरू किया तभी तरुण वशिष्ठ जी होटल में आगये। और घर चलने का आग्रह करने लगे। उन्होंने बताया उनका बेटा बीमार है और वो हम लोगों से मिलना चाहता है। मैं खुद को रोक नहीं सका ये सुनकर। प्रवीण और पाठक जी की सहमति ली और सभी लोग चल दिये उनके आवास पर। रास्ते मे हम टेम्पल स्ट्रीट से गुजरे। तंजानिया देश मे इस मार्ग पर मंदिर, मस्जिद, चर्च , गुरुद्वारा सभी हैं। आ

अद्भुत तनजानिया ( संस्मरण ) भाग-3

Image
14 जनवरी 2018 आज मकर संक्रांति है आज भी सुबह हमें चिड़ियों ने ही जगाया। कौवों की काँव काँव का भी शोर सुनाई दे रहा था शायद को कोई कौवा घायल अवस्था मे था। मैं जल्दी से उठा 8 बज चुके थे। प्रवीण को भी फोन से जगाया। रोज की तरह आज भी मैंने ही चाय बनाई। वंदना को हम मेहमान की तरह लेकर आये थे इसलिए उनकी पूरी सुख सुविधा का ध्यान रखना हमारा दायित्व था। आज भी बैड टी जब तैयार हो गयी तभी उन्हें जगाया। 9 बजे हमारे सिकंदराराऊ के ही तरुण वशिष्ठ और उनकी पत्नी आगये। ढेर सारी आत्मीयता में लिपटा हुआ नाश्ता लेकर। अभी हम लोग नहाए भी नहीं थे। हम प्रवीण और संजना के बिना अकेले नाश्ता करते तो बहुत खराब लगता,और इतना अधिक नाश्ता नहीं था कि उन्हें भी शामिल किया जाता। बहुत दुविधा थी दिमाग में। हमने उनसे निवेदन किया कि आप ये सब यहीं रख जाइये। हम नाश्ता बाद में करके आपके खाली बर्तन घर पहुचा देंगे। दोनों लोग तैयार हो गए इस बात पर। कुछ घर की बात हुईं कुछ गांव की बहुत अच्छा लगा उन्हें भी और हमे भी। उनका आग्रह था हम समय निकाल कर एक बार उनके घर अवश्य आएं। हमने उन्हें आश्वासन देकर विदा किया। फ्रेश हुए तैयार हु

अद्भुत तनजानिया ( संस्मरण ) भाग-2

Image
13 जनवरी 2018 विश्व हिंदी दिवस पर कविसम्मेलन खिड़की के परदों से सूरज की चमक झांक कर पलकों पर पड़ी तो बहुत असहज सी लगी, इग्नोर करके फिर सो गया। लेकिन जैसे ही गौरैया की चहचाहट के स्वर कानों में पड़े तो आँखो की नींद ने भी बगावत कर दी। आंखे मसलते हुए घड़ी की तरफ देखा तो साढे आठ बजे चुके थे। बिस्तर से उठा खिड़की से झांक कर देखा पड़ोसी मुंडेर पर 10-12 चिड़ियां फुदक फुदक कर चहचहा रही हैं। मन प्रफुल्लित हो गया। जल्दी से वंदना को जगाया और फुदकती हुई चिड़ियां दिखाईं। हमारे यहां इन चिड़ियों की नस्ल ही खत्म हो गयी है । पिछले 20 सालों से ये आंगन में दिखना बंद होगयी हैं। खैरः मैंने 2 कप चाय बनाई। एक साथ तंजानिया की भोर का आनंद लिया। फोन करके प्रवीण को जगाया। हम लोग फ्रेश होकर 10 बजे डाइनिंग हाल में नाश्ता करने आगये। थोड़ी देर बाद जितेंद्र और पाठक जी भी आगये। सभी लोगों ने साथ मे नाश्ता किया। हमारा आज का शेड्यूल था। 2 बजे तक साइट सीन भ्रमण, खरीद दारी, लंच, और शाम के मुख्य कार्यक्रम की तैयारी करना। नाश्ता करने के बाद 2 गाड़ियों में सभी बैठकर चल दिये तंजानिया के इस सुंदर शहर का भ्रमण करने। आधा घंटे

अद्भुत तनजानिया ( संस्मरण ) भाग-१

Image
स्थान- दार एस  सलाम ( तंजानिया) अवधि- 11 जनवरी से 16 जनवरी तक मुख्य यात्री- डा. विष्णु सक्सैना, डा. प्रवीण शुक्ल सह यात्री- श्रीमती वंदना सक्सैना, श्रीमती संजना शुक्ला आभार- श्री अशोक चक्रधर अवसर- विश्व हिंदी दिवस सौजन्य- स्वर्ण गंगा संस्था एवं भारतीय सांस्कृतिक केंद्र, दार एस सलाम, तनजानिया  यूँ तो अब तक अनेक देशों की यात्राएं हो चुकी हैं लेकिन इस बार की यात्रा हमारे लिए विशेष इसलिए थी कि हम विदेश में भी अपना घर ले गए थे। यात्रा कमदिनों की थी इसलिए मैंने प्रवीण के सामने प्रस्ताव रखा कि क्यों न हम लोग इस बार अपनी अपनी सह धर्माणियो को साथ ले चलें। तुमने भी अभी अपने पिताको खोया है और मैंने भी अपनी माँ के विछोह में हूँ तो ये यात्रा इस अवसाद से निकलने में हमारी सहायता कर सकती है। वो मेरे प्रस्ताव से सहमत हो गए। वंदना के पास तो पासपोर्ट था लेकिन संजना का पासपोर्ट आनन फानन में बनवाया गया, और हम लोगो ने देवेंद्र जी को  बोल दिया कि इस बार हम दो लोग नहीं 4 लोग आएंगे। उन्होंने प्रसन्नता से सहमति दे दी। यलो फीवर आदि के टीके लगाने की औपचारिकताएं समय से पूरी