आँसू गंगा जल हो बैठे.....................
याद तुम्हारी करके जब भी मेरे नयन सजल हो बैठे।
मन हो गया भगीरथ जैसा आँसू गंगा जल हो बैठे॥
प्यास दबाये बैठी कब से
सूख रहा था जिसका कण कण,
चाह बरसने की थी मन में
पर न धरा ने दिया निमंत्रण
इस पर्वत से उस पर्वत हम आवारा बदल हो बैठे॥
एक कली के पास गया तो
बोली मुझसे मुझे न तोडें,
जब वो खिल कर फूल बनी तो
मन ये बोला रिश्ता जोडें,
जब उसको चूमा काँटों से होंठ मेरे घायल हो बैठे॥
जीवन तो एक समझौता है
पल में हँसना पल में रोना,
एक तरफ फूलों से शादी
एक तरफ काँटों से गौना,
शायद कोई शिव मिल जाये सोच के यही गरल हो बैठे॥
रही अमावस सखा हमारी
साथ ले गये तुम तो पूनम,
एक आँख से खुशी झलकती
एक आँख आँसू से है नम,
जो भी चाहे वो हल कर ले हम वो प्रश्न सरल हो बैठे॥
बन के नींद मेरी पलकों को
सपनों में बातें कर तुमने
इस दिल पर अहसान किया है,
झील सी नीली आँखों में हम लगने को काजल हो बैठे॥
Comments
mere dil ka skht kauna b komal ho gya,
git k bol bn gye tip tip karti bundein
or man mera gata jhumta badal ho gaya!
Lajawab sir ji.
कभी समय मिले तो http://akashsingh307.blogspot.com ब्लॉग पर भी अपने एक नज़र डालें .फोलोवर बनकर उत्सावर्धन करें .. धन्यवाद .
🙏
आपका यह सुंदर गीत *आंसू गंगा जल हो बैठे*
*महाराष्ट्र यूनिवर्सिटी* की बी.ए.की क्लास में चयनित होने पर हार्दिक बधाई स्वीकार करें ।
अब यह रचना
इसी सत्र से छात्रों को पढ़ाई जाएगी
श्रेष्ठ रचना का सम्मान हर सरस्वती साधक का सम्मान है
अन्तःस्थल से
कोटि कोटि वंदन !
शुभकामनाएं !
बधाइयां !
💐🌹🌻🌷🌻🌹💐
Mere pas aapka autograph aaj b rakkha huaa h.
Kanpur m aapse 2015 m mila th sir.
Prnam aapko