गोला में एकल काव्यपाठ
यूँ तो अनेक बार एकल काव्य पाठ करके आत्म विश्वास दृढ़ हुआ है। लेकिन इस बार का काव्य पाठ समय अधिक होंने के कारण अविस्मरणीय हो गया। गोलागोकर्णनाथ में विधायक श्री अरविंद गिरि के निर्देशन में श्री विजय चौहान तथा श्री गोपाल जी के संयोजन में 1घण्टा 50 मिनिट का नॉन स्टॉप काव्यपाठ करके एक अद्भुत अनुभव मिला।कोई बात चीत नही, न कोई संस्मरण,न कोई लतीफा। गीत ,गीत और केवल गीत। गीत को मान देने वाले श्रोताओं का ही जमावड़ा देखकर प्रसन्नता हुई। सभी स्थानीय साहित्यकार कवियों ने मेरा फूल मालाओं से स्वागत किया। कुछ मुक्तक और 12-13 गीत सुनाने के बाद भी श्रोता प्यासे ही रहे। यही गीत की विजय है। अगर मुझे शाहजहांपुर से ट्रेन न पकड़नी होती तो ये महफिल कुछ देर और भी जमती। इन दिनों मंचों पर गीतों को जिस तरह सुना जाने लगा है, ऐसा लगता है कि शायद गीत की ससम्मान वापसी हो रही है।
Comments
आपके गीत गुनगुनाते गुनगुनाते मुझे भी कुछ लिखने का प्रयास करने की हिम्मत आई, लेखन का कोई ज्ञान नही,
कुछ ना कुछ लिख जाता है।
प्रणाम गुरुवर।😑🙏🙏🙏