डा. विष्णु सक्सैना के बारे में राय .......

डा. विष्णु सक्सैना एक ऐसे कवि का नाम है जो कुछ वर्षों पहले सावन के बादलों की तरह उमडा और पूरे देश पर कुछ इस तरह बरसा कि हर काव्य प्रेमी का मन सदा सदा के लिये उसकी रस धारा में डूब गया। शायद ही अन्य कोई ऐसा कवि हो कीर्ति के उच्च से उच्चतर शिखरों पर इतने कम समय में पहुँचा हो जितने कम समय में विष्णु पहुँचे हैं। इसका कारण सिर्फ उनका मधुर कंठ ही नहीं अपितु उनकी सहज युवकोचित प्रणयानुभूतियाँ हैं जो नये-नये बिम्बों,प्रतीकों और उनकी सहज सरल भाषा में व्यक्त होकर सीधे हृदय पर चोट करती है। उनकी भाषा का प्रवाह और उनका स्वर सँयोजन एक झरने के समान है जिसमें बडे-बडे तैराकों के पाँव उखड जाते हैं और वे उसमें डूबने के लिये विवश हो जाते हैं।

कुछ समय से पिछली पीढी के लोकप्रिय गीतकारों में से कुछ के दिवंगत हो जाने और कुछ के मौन हो जाने के कारण ऐसा लगा था कि हास्य रस प्रधान कविताओं की बाढ में गीत जीवित नहीं रह सकेगा लेकिन विष्णु के मंच पर आगमन से यह आस्था फिर बलवती होने लगी है कि गीत तो अस्तित्व का नवनीत है।
--पद्म भूषण गोपाल दास नीरज


डा. विष्णु सक्सैना आज हमारे आँगन में कई अर्थों में अकेला और अलबेला कवि है। पता नहीं वह अपने चिकित्साशास्त्र के शिक्षण प्रशिक्षण के बाद अपने मरीजों के साथ कैसा उपचारी डाक्टर है, पर हिन्दी की आज वाली पीढी में विष्णु अकेला ऐसा गीतकार है जिसे अगर किसी ने एक बार बार भी समग्र एकता के साथ सुन लिया तो वह रोगी होकर ही रहेगा या उसका कोई प्राचीन-अर्वाचीन प्रेम रोगनये सिरे से जाग उठेगा। क्षमा करें, मैंने विष्णु को सदैव तृप्ति की चाह के साथ सुना है पर एक चिरंतन अतृप्ति लेकर मुझे आगे चलना पडा है। --कवि एवम पूर्व सांसद श्री बालकवि बैरागी डा. विष्णु सक्सैना के गीत कथ्य की दृष्टि से बडे ही महत्वपूर्ण हैं, कल्पनाशीलताकी सौन्दर्यमयी छटा के भी दर्शन उनके गीतों में जगह-जगह होते हैं। वे रस के गीतकार हैं,सौन्दर्य के कवि हैं प्रेम के पुजारी हैं। वे भाव धरा को इतनी गहनता और गति के साथ् प्रवाहित करते हैं कि यदि शिल्पगत कमज़ोरी रह भी गयी हो तो वह इस भाव-धारा में तिनके के समान बह जाती है। डा. विष्णु सक्सैना सौ टँचगीतकार हैं क्यों कि उनके लिये गीत की सृष्टि केवल गीत की सृष्टि ही नही वरन सृष्टि का गीत भी है।

---गीतकार डा. कुँवर बेचैन


डा. हरिवंश राय बच्चन की सातवीं पीढी के लोकप्रिय गीत कार डा. विष्णु सक्सैना विगत वर्षों के गीत जगत के नवनीत हैं। इतने समय में किसी रचनाकार ने अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त नही की। एक लयवंत रचनाकार के रूप में इनकी पहचान बहुत समय तक बनी रहेगी।

---गीतकार सोम ठाकुर

डा. विष्णु सक्सैना के गीतों में प्रेम की विभिन्न मन:स्थितियों की सबल भावों के साथ लयात्मक अभिव्यक्ति है। यह मीठा सा युवा गीतकार अपने गीतों की ताज़गी के माध्यम से देश के वरिष्ठ गीतकारों सर्वश्री नीरज, भारत भूषण, महेश्वर तिवारी, सोम ठाकुर, रमानाथ अवस्थी, कुँवर बेचैन, राजेन्द्र राजन की परम्परा में महत्वपूर्ण उपस्थिति के साथ सम्मिलित होता है।

---ओज कवि डा. हरिओम पँवार

Comments

Unknown said…
sir, maine aapko udaipur me do bar suna hai.....aur mai aur mera bhai aapke bahut bade fans hai..... yadhyapi me ek engineer hu aur mera bhai bhi engg kar raha hai par humari kavi-kavita me bahut ruchi hai....... aur jab bhi SHRINGAR RAS ki baat aati hai to bas aapka hi naam aata hai......aapko itni bhavpurna kavitain likhne ke liya bahut DHANYAWAD......
sir kya aapki aavaz me recordrd koi Video CD/DVD Launch hui hai???
yadi hui hai to kripya puri jaankari de.....

ASHOK KUMAR TELI
UDAIPUR
09785090810
I know a single thing that a ego less poet with awesome poetry on love with spiritual respect.
shringar rus ke ojasvi kavi
Unknown said…
Sir I want to know about ur video or audio cd or DVD is it available anywhere. Pls inform on 9990494112
Unknown said…
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Unknown said…
download aal vdo of vishnu ji from u tube

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