हम बचेंगे तो यह देश बचेगा....(कोरोना विशेष)

*हम बचेंगे तो यह देश बचेगा.....*

एक डॉक्टर होने के नाते अध्ययन के दौरान महामारी शब्द पढ़ा अवश्य था लेकिन अपने जीवन काल में इसे अपनी आँखों से देखना भी पड़ेगा यह उम्मीद नहीं थी। पिताजी कहा करते थे कि एक बार प्लेग जैसी महामारी फैली थी, गाँव के गाँव साफ हो गए थे, चारों तरफ हाहाकार मच गया था । कमोबेश आज वैसी ही हालत पूरी दुनिया के अनेक देशों में है। हमारा देश अभी दूसरी स्टेज में है, तीसरी स्टेज में न पहुँचे उससे पहले ही रोकथाम हो जाए, इसलिए केंद्र सरकार की एडवाइजरी पर राज्य सरकारें अपना अपना काम कर रही हैं । हमारे देश में चिकित्सा के इतने पर्याप्त संसाधन नहीं हैं, इसलिए सरकारें चाह रही हैं लोग अपने-अपने घरों में ही बंद रहकर उसे ही आइसोलेशन सेंटर बना लें। भीड़ में न जाएं , मास्क पहनें,  किसी चीज को न छुएं, क्यों कि है वायरस वायु में नहीं उड़ता, स्पर्श से शरीर में प्रवेश करता है इसलिए बार-बार हाथ धोएं । लेकिन हमारे देशवासियों को अभी समझ में नहीं आ रहा, वह इस अभियान को बहुत हल्के में ले रहे हैं मजाक कर रहे हैं, चुटकुले बना रहे हैं ।
 हम सौभाग्यशाली हैं कि हमने अपने जीवन काल में दो ऐसे यशस्वी प्रधानमंत्री देख लिए जिनके लिए जनता उनकी प्रजा है और प्रजा के लिए वह पिता के समान हैं। इस देश ने एक ऐसा वक्त भी देखा था जब प्रधानमंत्री श्री लाल बहादुर शास्त्री ने आवाहन किया था अमुक दिन पूरा देश पूरे दिन अन्न ग्रहण न करें, उपवास करें तो उस दिन पूरे देश ने ईमानदारी से उपवास किया। एक अभी 22 मार्च 2020 को देखने को मिला जब प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस के संक्रमण से अपने देश वासियों को बचाने के लिए जनता से आव्हान किया के वह इस दिन स्वैच्छिक कर्फ्यू समझकर अपने अपने घर से बाहर ना निकले, और वही हुआ। इन आँखों ने देखा भी कि बिना किसी शक्ति और बल के लोगों ने अपने राजा की बात मानी और घरों में कैद रहे। शाम के 5:00 बजे तो और भी अधिक आश्चर्य हो गया जब उनके दूसरे आव्हान पर लोग अपनी-अपनी छतों पर चढ़कर शंख और घंटों की ध्वनि करके धन्यवाद कर रहे थे जो हम लोगों की परवाह  में अपने स्वास्थ्य की परवाह नहीं कर रहे हैं। चाहे वह चिकित्सा कर्मी हो, पुलिसकर्मी हो, सफाई कर्मी हो या सैन्य कर्मी । बस अब तो तमाम देशवासियों से यही अनुरोध करुँगा कि जो जो गाइड लाइन सरकार हमें दे रही है उसका अक्षरशः पालन करें क्योंकि वह सब आपको इस महामारी से बचाने के लिए कर रही है हम बच गए तो परिवार को बचा लेंगे समाज को बचा लेंगे शहर को बचा लेंगे प्रदेश और देश को बचा लेंगे । अब इसे मजाक में न लें और गंभीर हो जायें, इसी में हमारी भलाई है।

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