khaas sammaan
यूँ तो सम्मान बहुत मिलते रहते है सम्मान तो सम्मान है छोटा हो या बडा लेकिन कुछ सम्मान ऐसे होते है जो ऊर्जा का संचार करते रहते हैं । वैसे ही गत दिनो मुझे एक सम्मान मिला साहित्य कलाधर का निराला और सुमन जी की पावन धरा पर, रमई काका और प्रताप मरायण मिश्र की जमीन पर। एक सुन्दर सा सम्मान पत्र, शाल श्री फल, एक 15000 की धन राशि। जिस जगह का छोटा सा छोटा कवि छन्द में बात करता हो उस धरती ने मुझ जैसे अदना ,सामान्य, और सादा भाषा मे लिखने वाले प्रेम के प्रेम के गीतकार को इस सम्मान के लायक समझा। इसी समारोह में सम्मानित होने वाली एक मुर्धन्य कवियत्री को जब मैने उन्हे सम्मान से पूर्व बधाई दी तो उन्होंने मुँह बिचकाकर कहा कि उस सम्मान का कोइ महत्व थोडे ही है वो तो मँच पर जितने होते है सभी को देते हैं, बाद में वो किन्ही कारणों से वहां पहुँची भी नहीं। लेकिन मँच पर ऐसा कुछ भी नहीं था। कुछ खास लोगों को ही सम्मान से नवाज़ा गया था। लेकिन मेरे लिये ये सम्मान बहुत महत्व पूर्ण था.......
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अपनी रचनाओं से हर जगह धूम मचा रहे
और सबके दिलों पर छा रहे हरदिल अज़ीज़ कवि
’डा. विष्णु सक्सेना’ जी
ब्लॉग जगत में आपका स्वागत है.....
कभी जज़्बात पर आईयेगा
http://shahidmirza.blogspot.com/
dev .. mumbai