कोराना के मुक्तक

शत्रु हो या हो रोग लड़िये, न उससे डरिये,
जो संक्रमण के हेतु उनसे भी बचते रहिए,
मिलाया  हाथ, न  हो जाये कहीं कोरोना-
दूर  से  हाथ  जोड़  करके  नमस्ते  करिये,

नाक मुँह  मास्क से ढापें न भीड़ में जाएं,
दूध हल्दी  का पियें  और  मुलहठी खाएं,
नाक,मुँह हाथ से छूआ तो संक्रमण होगा-
हाथ  धोने  हैं  बार-बार  सबको बतलायें।

गर्म पानी  में  एक नींबू  निचोड़ो,  पी लो,
धूप में बैठ के प्रतिरोधी शक्ति को जी लो,
इतना हो जाये तो कोरोना भी बेदम होगा-
ठोकिये ताल इससे दो दो हाथ कर ही लो

किसी तरह की हो अफवाह उसमें मत बहिये,
हरेक  व्यक्ति  एक  दूसरे  से  ये  कहिए,
लोक डाउन में मेरी सबसे ये  विनती यारो
एक कर्फ्यू सा मान अपने-अपने घर रहिए।

Comments

बहुत सही
लेकिन अफ़सोस आज भी बहुत से लोग-बाग़ इतनी से बात नहीं समझ पा रहे हैं

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