मुक्तक - राम का आसरा

जैसे  मजदूर   को  काम  का  आसरा,
और थकन को हो विश्राम का आसरा,
ज्यों ये जीवन बिना सांस के व्यर्थ त्यों
राम  के  देश  को  राम   का   आसरा

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