मज़दूर दिवस

कोरोना काल की पहली परेशान करने वाली लहर रही हो या दूसरी झकझोर देने वाली लहर , सबसे अधिक प्रभावित हुआ है तो सिर्फ मजदूर, रोज कुआं खोद कर पानी पीने वाला, रोज मेहनत करके खाने वाला, रोज पसीने से नहाने वाला वो मजदूर जिसके श्रम से हमारी ऊंची ऊंची अट्टालिकाएं खड़ी हैं जिनमे बैठकर हम ऐसी में अपना पसीना सुखाते हैं। इन मजदूर वीरों को न किसी से कोई स्पर्धा है न किसी से आगे निकलने की लालसा। न कोई चिंता और न ही ललक, फिक्र है तो बस इस बात की कोई सुबह ऐसी न आये जिस दिन उसे खाली बैठना पड़े। मजदूर का बेटा अपने पिता को जब मेहनत करते हुए देखता है तो वो उतनी ही मेहनत करता है चाहे वो शारीरिक श्रम हो या मानसिक श्रम। हज़ारों में एक कोई अगर पढ़ लिख कर नोकरी भी करेगा तो वहां भी पूरी ईमानदारी होगी और पूरा श्रम होगा। आज 1 मई है अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस। उन सभी श्रमिकों के स्वेद को नमन करता हुआ एक गीत.. 

#InternationalLabourDay #मजदूर_दिवस #विष्णुलोक

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