गलतियाँ गिनाऊंगा

ग़मो की शाख पर मैं कैसे गुल खिलाऊंगा,
हो  साज  बेसुरा  तो  गीत  कैसे   गाऊंगा,
ज़रा सुधार लूँ  मैं  पहले  खामियां अपनी-
तभी तो  आपकी  मैं गलतियां गिनाऊंगा,

Comments

Popular posts from this blog

रेत पर नाम लिखने से क्या फायदा.......

एक दीवाली यहाँ भी मना लीजिये........

गीत- वो बदले तो मजबूरी है.....