अमेरिका के संस्मरण---2011.....(जब उन्होंने वाद्य य्ंत्रों का प्रस्ताव रखा.....)

टेक्सास-

सेनंटेनियो...

टेक्सास प्रांत में एक शहर है सेनंटेनियो।

ये जगह जितनी खूबसूरत है उतनी ही एतिहासिक महत्व वाली भी।

संयोजिका थीं श्रीमती अपर्ना वोहरा। दबंग पर्सनल्टी की अपर्णा जी एक सच्ची और अच्छी समाज सेविका भी हैं। एअरपोर्ट पर वो खुद लेने आयीं हमें। रास्ते भर अपने शहर और अपने बारे में बताती आयीं। यूँ तो वो अब तक गीतों और गज़लों की कई ईवेंट करा चुकी हैं लेकिन कवि सम्मेलन नामक ईवेंट से पहली बार रूबरू हो रहीं थीं । हम तीनों के व्यक्तित्व को लेकर भी कुछ परेशान दिख रहीं थीं क्यों कि तीनों ही युवा..... कवि जैसा कोई भी नहीं दिख रहा था। हमारे पास कोई ऐसा यंत्र भी नहीं था जिससे वो कुछ हद तक आश्वस्त हो सकें। खैर हम लोगों ने लंच लिया और आराम करने अपने कमरों मे चले गये।

शाम चार बजे उठकर जब चाय पीने हम उनके ड्राइंग रूम में गये तो उनका धैर्य जबाब दे ही गया। बातों ही बातों में उन्होंने हमें कह ही दिया कि हमारे पास तबला हारमोनोइयम भी है अगर आप न लाये हों तो हम व्यवस्था कर सकते हैं। इस बात पर हम तीनों मुस्करा दिये, सर्वेश थोड़े मुखर होने के नाते उनसे कुछ कह देने के मूड में दिखे लेकिन मैंने इशारे से चुप कर दिया और उनको आश्वासन दिया कि आप चिंता न करें सब कुछ बहुत अच्छा होगा। हमने बात बदलते हुये पूछा कि कितने लोग आ जायेंगे तो वो बोलीं कि लगभग 200 लोगों के आने की सम्भावना है।

शाम 6 बजे हम लोग तैयार हो कर कार्यक्रम स्थल पहुँचे। भीड़ आ चुकी थी। टिकिट काउंटर पर पर्याप्त लोग थे, 300 लोग अपनी उपस्थिति दर्ज़ करा चुके थे। ये सब अपर्णा जी और उनके पतिदेव अजय वोहरा जी की सामाजिकता का परिणाम था। कार्यक्रम शुरू हुआ, तो अंत तक हास्य-व्यंग्य और गीतों की ऐसी बारिश हुई कि सब तरबतर हो गये। एक गुजराती बच्चा तो हँसते-हँसते लोट पोट हो गया। अपर्णा जी को तब एहसास हुआ कि हार्मोनियम-तबले की बात पूछ कर मैंने इनका कितना बडा अनादर किया है।

रात ही रात में पूरे शहर के हिन्दी प्रेमियों में ये चर्चा फैल गयी कि आज जो कार्यक्रम हुआ है ऐसा मज़ेदार तो इस शहर में कोई भी समारोह नही हुआ, जो भी इसे सुनने नही जा पाया उसने अपना ही नुकसान किया है।

चार दिन बाद अजय वोहरा जी का फोन आया कि विष्णु जी कार्यक्रम की चर्चा इतनी अधिक है कि मैं अब तक 25 उन लोगों को वीडियो कापी बनाकर दे चुका हूँ जो उस दिन किसी वजह से आ नही पाये थे। चार परिवार तो कल घर पर ही आगये, तीन घंटे की पूरी रिकोर्डिंग घर पर ही देखी साथ में उन्हें खाना और खिलाना पड़ा। सचमुच आप लोगों को पहली बार में देखने पर लगता ही नहीं था कि आप हमारे लोगों का इतना मनोरंजन करेंगे। अब आप लोग जल्दी ही, जब भी अमेरिका आयें हमारे इस शहर में ज़रूर अपना शो करें।

उनकी बात सुनकर हम तीनों लोग अपनी उपलब्धियों पर फूले नहीं समा रहे थे.....।

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