नवगीत

नींद नहीं आँखों में स्वप्न परेशान.
केसे बचें बारिश से रेत का मकान.
सडकों पर वाहनों की
दोड़ती कतार,
तेजी से भाग रहा
कितना संसार,
मिटते हें साथ साथ पैर के निशान.
[शेष संकलन में----]

Comments

नींद नहीं आँखों में स्वप्न परेशान.
केसे बचें बारिश से रेत का मकान.

आरंभ की ये २ पंक्तियां ही आगे नहीं बढ़ने देतीं पाठक को ,
सुंदर प्रस्तुतिकरण ,

Popular posts from this blog

रेत पर नाम लिखने से क्या फायदा.......

एक दीवाली यहाँ भी मना लीजिये........

गीत- वो बदले तो मजबूरी है.....