प्रेरक गीत-3

रातें कितनी ही लंबी हों फिर भी होगी भोर।
छिपा हुआ है हर सन्नाटे में प्यारा सा शोर।।

आँसू की जो नादिया
तेरे पास बहाकर देख,
इसमें मुस्कानों की तू इक
नाव चला कर देख,
बहते जाना बहते जाना पवन बहे जिस ओर।

मत डर, आने दे पतझर को
थोड़े दिन की बात,
फिर तो फूलों के संग,
बीतेगी जीवन भर रात,
खुल के जी ले आज भगा दे मन में बैठा चोर।

मंज़िल बहुत कठिन है
फिर भी तू चलना मत छोड़,
जीवन अंक गणित है
ग़म को घटा,खुशी को जोड़,
नफरत पर बरसा दे बादल प्यार भरे घनघोर।

हर असफलता के पीछे इक
सफल कहानी ढूंढ,
मरुथल में भी मिल जाएगा
तुझको पानी ढूंढ,
हर मावस के पीछे नाचे पूनम का इक मोर।

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