लोक डाउन 3/14 मई 2020

14 मई 20202
 • सुप्रभात।
 •  प्रधानमंत्री के भाई भरकम आर्थिक पैकेज की घोषणा के बाद उसकी पहली किस्त 6 लाख करोड़ की है जिसकी वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने अलग-अलग क्षेत्रों के लिए 15 घोषणाओं में की है।
 •  लॉक डाउन की पावंदियों में अब धीरे-धीरे और छूट दी जा रही है। कई देशों कई उद्योग धंधों के साथ ही दफ्तर और दुकानें भी खुलने लगी हैं आने वाले दिनों में होटल भी खुले जा रहे हैं। पर्यटन मंत्रालय के सुझावों के अनुसार होटल में कमरा लेने वालों के लिए अब आरोग्य सेतु एप का होना बहुत जरूरी होगा। होटल के कर्मचारियों के पास भी ऐप होनी चाहिए। रोजाना मेहमान व स्टाफ की थर्मल मीटर से बुखार की जांच होगी शारीरिक दूरी के लिए फर्श पर निशान बनाने होंगे।
 •  पूरे विश्व के कोरोना मीटर के अनुसार अभी दोपहर 12 बजे तक 4342355 लोग संक्रमित पाए जा चुके हैं, 292893 लोगों की मृत्यु हो चुकी है तथा 1602443 लोग स्वस्थ हो गए हैं।
अमेरिका में अब तक 1408636 संक्रमितों की संख्या हो गयी है, 83425 लोगों की मौत हो चुकी है तथा 296746 लोग स्वस्थ होकर घर जा चुके हैं।
भारत में अब तक कुल 74781 लोग संक्रमित पाए जा चुके हैं, 2415 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं तथा  24386 लोग ठीक हो गए हैं
महाराष्ट्र में अब तक 24427 लोग संक्रमित मिल चुके हैं तथा 921 लोगों की मृत्यु हो चुकी है।
उत्तर प्रदेश में 3664 लोग संक्रमण का शिकार हो चुके हैं, 82 लोगों की मौत हो चुकी है और 1873 लोग ठीक हो गए हैं। आगरा में आजतक 791 केस पॉजिटिव हो चुके हैं।
 •  बतौर विशेष चिकित्सा अधिकारी मेरठ आए डॉ वेदप्रकाश बताते हैं कि कोरोना से देश में अब तक सिर्फ दो से 3% मरीजों की मौत हुई है जबकि स्वाइन फ्लू जैसी अन्य बीमारियां इसके मुकाबले ज्यादा जानलेवा रही हैं ।यही नहीं डेंगू और मलेरिया जैसी बीमारियां भी कोरोना की तुलना में ज्यादा मरीजों की जान ले लेती हैं। अब तक के आकलन से साफ है कि इससे सिर्फ उन मरीजों की जान गई जिनमें शुगर, हाइपरटेंशन, किडनी, हार्ट डिजीज, लिवर अंग प्रत्यारोपण अस्थमा या कोई पुरानी बीमारी थी। जबकि विदेशों में वायरस ने भारत से ज्यादा कहर बरपाया है हाई रिस्क वालों को खासतौर पर बचकर रहना चाहिए।
 •  केंद्र सरकार राज्य सरकारों से मिलकर मजदूरों को घर पहुंचाने की रेलों बसों से तमाम व्यवस्थाएं कर रही है लेकिन मजदूरों का सड़कों पर पैदल चलकर जाना अभी भी जारी है। आज टीवी पर अनेक दृश्य द्रवित करने वाले देखे एक व्यक्ति ठेला गाड़ी पर अपनी गर्भवती पत्नी और 1 बच्चे को ऐसे खींच कर ले जा रहा था जैसे गली मोहल्ले में भिक्षा मांगने वाले गाड़ी पर चलते हैं। एक व्यक्ति बैलगाड़ी में अपने परिवार को ले जा रहा था उसके पास एक ही बैल था दूसरी तरफ का हिस्सा उस व्यक्ति ने अपनी गर्दन पर रखकर गाड़ी खींच रहा था। आज तीन  दुर्घटना में न जाने कितने मजदूर कुचल कर मर गए। मुजफ्फरनगर देवबंद मार्ग पर 8 मजदूर सड़क पर जा रहे थे एक बस ने रात में सभी को कुचल दिया। गुना के पास एक टैंकर और बस में टक्कर से बहुत से मजदूर मर गए ऐसी स्थिति में सरकार के तमाम प्रयास विफल से लगते है। इन हालातों में मजदूरों को भी थोड़ा प्रतीक्षा करनी होगी। जब तक कोई सरकारी सहायता न आ जाए अपने स्थान पर ही रहना चाहिए।

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