लोक डाउन 3/17 मई 2020

17 मई 2020
 • सुप्रभात।
 •  आज लोग डाउन थ्री का अंतिम दिन है कल से अनेक क्षेत्रों को छूट मिलने की संभावना है। उत्तर प्रदेश में सरकार के लक्षण लॉक डाउन को बढ़ाने के समर्थन में दिखाई दे रहे हैं इसे 31 मई तक करने का विचार बन रहा है लेकिन अभी स्पष्ट नहीं है। योगी जी को केंद्र की गाइडलाइंस का इंतजार है।
 • आज से उत्तर प्रदेश में बिना मास्क के बाहर निकलने पर सार्वजनिक स्थल पर थूकने पर और दुपहिया वाहन पर दो व्यक्ति के बैठने पर 100 से ₹1000 का जुर्माना लगाया जाएगा।
 •  वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने तीसरी किस्त की घोषणा कर दी है रक्षा क्षेत्र में नए युग के सूत्रपात के लिए मैन्युफैक्चरिंग के लिए एफडीआई की सीमा 49 से 74 फीसदी कर दी गई है 50000 करोड़ का निवेश कोयला सेक्टर में इंफ्रास्ट्रक्चर सुधार के लिए होगा।
 •  आज कोरोना मीटर को देखें तो विश्व में अब तक संक्रमितों की संख्या 4721890 हो गई है 313263 लोगों की मृत्यु हो चुकी है तथा 1812189 लोग ठीक हो गए हैं। 
अमेरिका में अब तक संक्रमितों की संख्या 1507773 हो चुकी है, 90113 लोगों की मृत्यु हो चुकी है तथा 339232 लोग स्वस्थ हो गए हैं।
भारत में अब तक 90813 संक्रमितों की संख्या हो गई है 2875 लोगों की मृत्यु तथा 34271 लोग स्वस्थ हो गए हैं। 
महाराष्ट्र में संख्या 30706 तक हो चुकी है 1135 लोग मौत के मुँह में जा चुके हैं।
उत्तर प्रदेश में संक्रमितों की संख्या 4258 तक पहुँच गई है, 104 लोगों की मृत्यु एवं 2441 लोग ठीक हो गए है। आगरा में संख्या 806 हो गई है तथा 27 लोगों की मृत्यु हो चुकी है।
 •  कल बरेली के एक मजदूर ने एनसीआर के एक व्यक्ति के घर बाहर रखी साइकिल को चुरा लिया और एक पत्र लिख कर छोड़ दिया कि मेरा बच्चा छोटा है वह बहुत दूर पैदल नहीं चल सकता उसके लिए यह साइकिल चुरा रहा हूँ मुझे बरेली के पास के एक गाँव में पहुँचना है। मैं आपका अपराधी हूँ। लेकिन मजबूरी में ऐसा कर रहा हूँ। पत्र पढ़कर साइकिल मालिक का हृदय क्रोध के स्थान पर करुणा से भर गया इस स्थिति पर वेद प्रकाश की कुछ पंक्तियां देखिए--
वो एक साइकिल जो मैं चुराके लाया था
मैं आज तक उससे नज़रें चुराता हूँ
मुस्कुराता हूं आइने के सामने जाकर 
मैं आइने को झूठ बोलना सिखाता हूँ

 •  कल इटावा कानपुर हाईवे पर औरैया के पास ट्राला और डीसीएम की टक्कर से 26 प्रवासी मजदूरों की मौत हो गई, 37 घायल हो गए। इनकी इस तरह आए दिन दर्दनाक मौतों से दिल अब घबराने लगा है. मुझे अपनी की कुछ पंक्तियां याद आती है--
जिंदगी चलते-चलते ठहरी है 
रात लगने लगी दुपहरी है 
लोग पत्थर के आगे रोते हैं 
क्योंकि इंसानियत तो बहरी है
 • दुनियाँ को अजीब सी सिहरन डर और तनाव में लॉक कर देने वाले कोरोना का एक सकारात्मक पहलू भी सामने आया है। यह आम लोगों को अवसाद के बीच रिश्तो की अहमियत समझा गया। यह बातें सर्वे के दौरान सामने आई हैं। कई राज्यों में हुए ऑनलाइन मनोवैज्ञानिक सर्वे में लगभग 50 फीसद लोगों ने स्वीकारा कि लो डाउन में जहाँ पति पत्नी का रिश्ता प्रगाढ़ हुआ वही बच्चों को भी माता-पिता से ढेर सारा प्यार मिला। घर के बुजुर्गों में भी अकेलापन का एहसास कम हुआ है।

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