ग़ज़ल

अब तो मेरा ख़याल है लड़कों की जिंदगी,
उलझा हुआ सवाल है लड़कों की जिंदगी,

पहले तो साडी बिंदी लिपस्टिक और पावडर
फ़िर लकड़ी आटा दाल है लड़कों की जिंदगी.

जातें हैं सुबह ताज़ा शाम आते हैं थक कर
सूरज के जैसा हाल है लड़कों की जिंदगी
[शेष संकलन में-----]

Comments

Abhinav Nigam said…
ye nahi achha lagaa !!!

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