मुक्तक/ टेडी डे
आज टेडी डे है
टेडी यानी नर्म, कोमल और मुलायम एहसासों का दिन। वह एहसास जिन्हें अगर महसूस कर लिया जाए तो दिल को एक तसल्ली सी मिले जैसे मरुस्थल में किसी तृषित व्यक्ति को जल की तृप्ति मिल जाए। इन दिनों आपको ऐसे अनेक लोग मिल जाएंगे जो ऊपर से तो बहुत रूखे और क्रूर लगते हैं लेकिन अंदर से बहुत कोमल और भले होते हैं। कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो ऊपर से बहुत कोमल और सुंदर और आकर्षक दिखाई देते हैं लेकिन अंदर से बहुत दुष्ट होते हैं, मिलते ही आपको तकलीफ देंगे, धोखा देंगे। ऐसे लोग बहुत खतरनाक होते हैं उनसे सावधान रहना चाहिए। लेकिन ऐसे बहुत कम लोग होते हैं जो ऊपर से भी सुंदर हो और अंदर से भी सुंदर आज के दिन हम सभी कोशिश करें कि टेडी के नर्म मुलायम बालों की तरह हम अंदर से और बाहर से एक जैसे दिखाई दें----
"पूरे न हो सकें उन सपनों को पालिये मत,
अश्कों के उत्तरों को प्रश्नों से टालिए मत,
है नर्म दिल हमारा जैसे कि टेडीबियर-
कहीं जाएं न बिखर हम हमको उछालिये मत"
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