भजन
दीजे दर्शन आय मुरारी
ब्रज में धूम मचाने वाले
सिर पर मोर मुकुट प्रति झमके
कुंडल दामिनि के संग दमके
कच जिमि काली नागिन चमके मस्तक खोर लगाने वाले-दर्शन.....
रसना अधार कपोलन लाली
है गीदन्त कि कांति निराली
चमके शुभ जिमि निशि उजियाली
मीठे स्वर में गाने वाले- दर्शन....
उन्नत के धर बाहु विशाला
गल विच शुभ्र विराजत माला
मेटत नित जन के जंजाला
कटि मृगराज लजाने वाले-दर्शन....
हे जै चरन कमल सुखदाता
जिनको सुमिरि होत कुशलता
शशिरवि अधम चंद्र यह गाता
वंशी मधुर बजाने वाले- दर्शन......
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