ग़ज़ल/ सेहत
सुर्खरू होता है इंसा सख्तियां सहने के बाद
रंग लाती है हिना पत्थर से पिस जाने के बाद
आरजू मदान सेहत याद रखेंगे मदान
दस मिनट हर रोज चलना रात को खाने के बाद
पेट की मोटर में खाने की सवारी कम भरो
फेल हो जाएगी ठूंसा ठूंस भर जाने के बाद
चाय बिस्कुट चाट मिर्चे जो उड़ाते हैं बहुत
उनकी आंतें ठीक होती हैं दही खाने के बाद
हो मुलायम या कड़ा सब्जी भी हो ख़ुश ज़ायका
छोड़ दो खाना ना खाओ फिर डकार आने के बाद
थोड़ा पानी बीच में खाने के पीना है मुफीद
देता है नुकसान ज्यादा पीना खा चुकने के बाद
वक्त के पाबंद भी खाने के रहना है जरूर
और न ज्यादा खाइए वक्त टल जाने के बाद
'शशि रवि'
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